मंगलवार, 2 दिसंबर 2014

हाइकु ....अकेलापन

अकेलापन
1

अकेला पाखी

तरु को छोड़ कर

प्रवासी  हुआ l

2

 दीप अकेला

अंधकार बुहार

जलता रहा

3

उम्र की संध्या  

सूरज की तरह

डूबती गयी l

4

गिरते पत्ते

हवा संग घूमते

तरु अकेला l

5

रुक के देखे

अकेला सा बुजुर्ग

डूबता सूर्य l

5

उदास मन

 अकेलापन ओढ़े

डूबता गया l

6

बिछडे पात

तरु अकेला झेले

 यह आघात l

7

जीवन साँझ

हिरणी सी दौड़ती

सूरज पीतीl

8

 सूने दालान

घेरता अकेलापन

डूबता मन l 

9

 साथी ढूँढता

जीवन सफर में

अकेला मन l 

10

शाम का तारा

अकेलापन हमें

लगता प्यारा l

11

दूर तलक

हाथ थाम साथिया

अकेला मन l 

12

आज का दौर

मेरा अकेलापन

मिट्टी सा मन l

डॉ सरस्वती माथुर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें