१.
समय रथ
हांकता नववर्ष
धरा पे आया ।
२.
हर्ष के दीप
नववर्ष में जलाओ
ख़ुशी मनाओ।
३.
नववर्ष में
मन खिड़की खोली
आशाएँ डोलीं।
४.
मंगल दिन
नववर्ष का आया
सबको भाया ।
५.
धूप दोनें में
नववर्ष भास्कर
बहे उजास ।
६
बड़ा ही ख़ास
नववर्ष भर लाया
मिश्र ी मिठास ।
७
घर चौबारे
नववर्ष उतरा
मन पाखी सा ।
८.
नववर्ष में
कोयल की रागिनी
रस घोलती।
९.
चिड़िया हुआ
नववर्ष पे मन
उड़ता फिरा ।
१०
नववर्ष में
चाँदनी संग खिला
चाँद का रंग ।
११.
चीं चीं करता
नववर्ष का पाखी
गीत सुनाये ।
१२.
नववर्ष का
अभिनंदन करें
प्रेम पुष्पों से।
डाँ सरस्वती माथुर
समय रथ
हांकता नववर्ष
धरा पे आया ।
२.
हर्ष के दीप
नववर्ष में जलाओ
ख़ुशी मनाओ।
३.
नववर्ष में
मन खिड़की खोली
आशाएँ डोलीं।
४.
मंगल दिन
नववर्ष का आया
सबको भाया ।
५.
धूप दोनें में
नववर्ष भास्कर
बहे उजास ।
६
बड़ा ही ख़ास
नववर्ष भर लाया
मिश्र ी मिठास ।
७
घर चौबारे
नववर्ष उतरा
मन पाखी सा ।
८.
नववर्ष में
कोयल की रागिनी
रस घोलती।
९.
चिड़िया हुआ
नववर्ष पे मन
उड़ता फिरा ।
१०
नववर्ष में
चाँदनी संग खिला
चाँद का रंग ।
११.
चीं चीं करता
नववर्ष का पाखी
गीत सुनाये ।
१२.
नववर्ष का
अभिनंदन करें
प्रेम पुष्पों से।
डाँ सरस्वती माथुर
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