"संभावना है !"
संभावना है कि
हमारी उदासी
और चिंताएँ
जेनेटिक हों जो
हमारे रक्त में भी
तैरती हों
उसके सूत्र
पूर्वजों से जुड़े हों
मेरी दादी माँ की भी
एक कहानी है
उन्हे देखा तो नहीं मैंने पर
मेरी माँ बताती हैं कि
पिता जब तक
घर नहीं आते थे
दादी चूल्हे के सामने
बेमतलब लकड़ियाँ
चूल्हे में धोंकती थीं
दाल की हांडी में
बार- बार पानी डाल
गरम करती थीं
पिता को देखते ही
कमल के फूल सी
खिल जाती थीं और
पिता को कहती थीं
आजा चंदा बेटा
खाना ठंडा हो रहा है
और याद है मुझे
मेरी माँ भी
मेरे भाई के लिये
रात भर जागती थी
घर भर में घूमती थी
ढानी के बैल की तरह
और क्या कहूँ अपने बारे
में
मेरा बेटा तो
मेरे लिए सपनों की
रंग बिरंगी किताब है
जिसे गाहे बगाहे मैं
पलटती रहती हूँ
रोज शुरू करती हूँ
खत्म होने नहीं देती
चिंताओं को
बुक मार्क की तरह
हाथ में लिए रहती हूँ
तभी तो कहती हूँ कि
संभावना है की हमारी
चिंताएँ और उदासी
दोनों ही शायद
जेनेटिक होती हैं !
डॉ सरस्वती माथुर
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