मंगलवार, 12 मई 2015

हिन्दी हाइकु में मेरे हाइकु 10 मई व माँ दिवस पर व 12 मई को

प्रकाशित हो रही है। आपकी हाइकु कविताओं का स्वागत है !
 
Posted by: रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' | मई 12, 2015

मन की आँखें

 
 
 
 
 
 
i
 
Rate This


1-डॉ सरस्वती माथुर

1

सूरज छोड़े

छज्जे -आँगन- बाण

मन वीरान

2

धूप के रंग

हरदम रहते

सूर्य के संग

3

गर्म धूप भी

ढूँढती डोल रही

ठंडी -सी छाँह ।

धरा तड़की 

धूप पत्थर फेंके

जब सूर्य ने

5

गर्मी के बाण

टपकता पसीना

मिले ना छाँव

6

दहका मन

धरा हुई तंदूर

सूर्य है क्रूर

7

धूप नोंचती

सूरज का चेहरा

 झरे पसीना

8

दुपहरियाँ

गर्मियों  की जो आई

मन भी जला



https://hindihaiku.wordpress.com/2015/05/12/%e0%a4%ae%e0%a4%a8-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%86%e0%a4%81%e0%a4%96%e0%a5%87%e0%a4%82/#respond

2- डॉ सरस्वती माथुर

 1

माँ की लोरियाँ

गूँजे मन -आँगन

घोले मिठास ।

2

मौन -सी है माँ

दरवाजा देखती

साँस टूटती ।

3

जननी प्यारी

आँगन वन तेरा

हम हैं छौने ।

4

माँ के नीड़ में

नवजात शिशु -से

 हम पलते ।

5

माँ कमल– सी

मन झील में, उग

खिली   रहती ।

6

माँ धूप बन

 जीवन -सूरज से

 तम  हरती ।

7

 हम नदी– से

 अथाह सागर– सा

 है माँ का मन ।

8

माँ सहेली -सी

सुलझाती सदैव

हर पहेली ।

9

माँ की झप्पियाँ

लोरी की थपकियाँ

ढूँढे न मिली।

10

माँ में बसा है

ममता का आवास

माँ है विश्वास ।

12 मई 15


https://hindihaiku.wordpress.com/2015/05/10/%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%81-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%b2%e0%a5%8b%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%81/

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें