सोमवार, 9 फ़रवरी 2015

हिन्दी हाइकु में प्रकाशित मेरे बसंत पर हाइकु

हिन्दी हाइकु में प्रकाशित मेरे हाइकु

15.2.13

3-डॉ सरस्वती माथुर

1

चहके पाखी

महके सुमनो पे

बसंत आया

2

फूलों पे घूमे

रंगीली तितलियाँ

मधु बटोरे  ।

3

धरा पे आया

ऋतुराज बसंत

महका मन

हिन्दी हाइकु में प्रकाशित मेरे हाइकु

5.2.15




4-डाँ सरस्वती माथुर


1.


फूलों के रंग


बसंत के संग में


धरा निखारे।


2.


बासंती मन


तितली- सा डोलता


रंग घोलता ।


3


सजी धरती


मन का पाखी बन


बसंत उड़ा।


4


बासंती बेला


चारों ओर लगा है


फूलों का मेला।


डॉ सरस्वती माथुर


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