बुधवार, 3 सितंबर 2014

ताँका

ताँका
"बेटी की चहक !"
1
 बेटी कोयल
 घर माँ का बासंती
 चहके बेटी
 लगती रसवंती
भाग्य से है मिलती
2
सौन चिरैया
आई मेरी बगिया
 ओ बिटिया तू
आँगन की चिड़िया
 प्यारी मेरी  गुडिया
3
बिटिया बोली
 माँ, मधुमय तेरा
घर आँगन
खेलूंगी छमछम
कर तेरा दर्शन
4
माँ का अंगना
 छमछम डोलूं मैं
 बाबुल मेरे
 बताओ क्या बोलूं मैं
 जाना दूर-, रो लूं मैं ?
5
 खुश है बेटी
 माँ संस्कृति रही थी
 पिता सभ्यता
तभी तो   मिल गयी 
बेटी को सफलता  
डॉ सरस्वती माथुर

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